Sunday, August 16, 2020

#What are the symptoms of piles prevention and home remedies?(#बवासीर के लक्षण, बचाव और घरेलू उपचार क्या है?)

 #बवासीर क्या है?


बवासीर को पाइल्स के रूप में जाना जाता है। बवासीर रोग में गुदा व मलाशय में मौजूद नसों में सूजन व तनाव आ जाता है। आमतौर पर यह गुदा व मलाशय में मौजूद नसों का वैरिकोज वेन्स रोग होता है। बवासीर मलाशय के अंदरुनी हिस्से या गुदा के बाहरी हिस्से में हो सकता है। इसकी वजह से गुदा के अन्दर और बाहर या किसी एक जगह पर मस्से बन जाते है। मस्से कभी अन्दर रहते हैं। तो  कभी बाहर आ जाते है। जिनमें से कई बार खून निकलता है और तेज दर्द भी होता है। कभी-कभी जोर लगाने पर ये मस्से बाहर की ओर आ जाते है। अगर परिवार में किसी को ऐसी समस्या रही है तो आगे की पीड़ी में इसके पाए जाने की आशंका बनी रहती है

बवासीर का इलाज कभी-कभी जीवनशैेली में कुछ साधारण बदलावों से किया जा सकता है। जैसे फाइबर युक्त आहार खाना और क्रीम आदि लगाना। जब बवासीर की समस्या ज्यादा हो जाती है। तो इसका ऑपरेशन भी करना पड़ता है। बवासीर होने पर इसका इलाज करना बहुत ही जरुरी है। बवासीर को बिना इलाज किए छोड़ दिया जाए, तो इससे लंबे समय तक सूजन व लालिमा से संबंधित स्थिति बन जाती है और अल्सर होने की संभावना बढ़ जाती है। आगर गर्भावस्था में बवासीर होता है तो वह आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है। कब्ज के कारण होने वाले बवासीर का इलाज करने के लिए आहार व जीवनशैली में बदलाव करना जरूरी होता है। इसके कम करने के लिए कुछ घरेलू उपचार भी किए जाते है जो इस लेख के माध्य से में बताना चाहता हूँ।

#बवासीर के प्रकार

1. अंदरूनी बवासीर— जैसे कि हमें इस के नाम से ही पता चल रहा है कि यह गुदा के अंदर होने वाली बवासीर है यह बहुत ज्यादा नकसान या तकलीफ नहीं देती है अगर खान पान में बदलाव  किया जाए तो यह समय के साथ ठीक हो जाती है।

2. बाह्य बवासीर— यह बवासीर गुदा के बाहरी हिस्से में पनपती है तथा यह वही स्थान पर होती हैं जहां से मल त्याग किया  जाता है। समय के साथ-साथ इस में गांठ बनने लगती है शुरुआत में तो इतनी तकलीफ नहीं देती है  लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ती है तो तकलीफ भी बढ़ती जाती है। इसका समय रहते ही इलाज करना बहुत ही जरुरी है।

3. प्रोलैप्सड बवासीर— जब अंदरूनी बवासीर बढ़ने लगती है तो वह धीरे-धीरे बाहर की तरफ आने लगती है इस स्थिति को प्रोलैप्सड बवासीर  कहा जाता है।

4. खूनी बवासीर— खूनी बवासीर को सभी प्रकार की बवासीर में सबसे जटिल बवासीर माना जाता है। क्योंकि इसमें रक्त स्राव होता है तथा रक्त स्राव होने से व्यक्ति कमजोर हो जाता है तथा ऐसा होने से व्यक्ति बहुत तकलीफ में आ जाता है। अगर मल त्याग के समय खून आए तो यह खूनी बवासीर का लक्षण है। इसका ज्लदी से इलाज करना चाहिए।

#बवासीर के लक्षण

1. मल त्याग के दौरान दर्द रहित रक्त स्राव

2. आपके गुदा के आसपास सूजन 

3. आपके गुदा में झुनझुनी या जलन

4. आपके रियर-एंड के पास मस्से या गांठ होना।

5. गुदा क्षेत्र में खुजली, जो लगातार या रुक-रुक कर हो सकती है।

6. गुदा से एक बलगम जैसा स्राव निकलना।

#बवासीर के बचाव

1. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें— आप अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज और सेरियल्स कृत्रिम रूप से पोषक तत्व मिलाए गए खाद्य पदार्थ को शामिल करें। इसके साथ ही आपको प्राकृतिक फाइबर जैसे ईसबगोल को भी अपनी डाइट में लेना चाहिए। लेकिन आप फाइबर को धीरे-धीरे अपनी डाइट में शामिल करें, क्योंकि कुछ लोगों को इसकी वजह से गैस व पेट फूलने की समस्या भी हो सकता है।

2. अधिक पानी पीए— शरीर के अनुसार आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं इससे मल नरम होता है। मल  नरम होने उसको बाहर आने में समस्या नहीं होती है।

3. टॉयलेट सीट पर ज्यादा देर तक ना बैठे— टॉलेट सीट पर ज्यादा देर तक बैठने से मल त्यागने में परेशानी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ ही सीट पर बैठने के तरीके से भी आपके गुदा के आस-पास के हिस्से की रक्त वाहिकाओं पर दबाव पड़ता है। इसके लिए आप टॉयलेट में मोबाइल और मैग्जीन को न ले जाएं जितना जरूरी हो टॉयलेट में केवल उतनी ही समय बिताएं।

4. मल त्याग की इच्छा को अनदेखा ना करें— मल त्याग करने की आदत को आप अनदेखा करते हैं, तो यह आदत आपके मल को सख्त या सुखा् बना सकती है। मल सख्त होने से इसको बाहर आते समय परेशानी होती है। और गुदी की नसों पर दबाव पड़ता है। ससाथ ही मल त्याग की इच्छा न होने पर आप अनावश्यक जो लगाएं।

5. व्यायाम करें— शारीरिक रूप से गतिशील रहने से शरीर को बहुत से रोगों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही मल त्याग करने में आसानी होती है। बवासीर होने के दौरान आपको धीरे-धीरे प्रभावी और आसान एक्सरसाइज करने की आदत को अपनाएं। रोजाना केवल 20-25 मिनट पैदल चलने ससे भी आपकी मल त्याग करने की प्रक्रिया बेहतर होती है।


#बवासीर के इलाज के लिए कुछ घरेलू उपचार

1.बवासीर के इलाज के लिए तिल के बीज होते है फायदेमंद— तिल के बीज को बवासीर के लिए  अच्छा माना जाता है। यह पाचन क्रिया को सुधारता है और दस्त को नरम बनाकर कोलन सफाई प्रक्रिया को कम करता है। यह सूजन और दर्द को कम कर देता है। और गुदा क्षेत्र में जलन और खुजली की उत्तेजना को कम करता है। तिल के बीज को पानी में उबाल लें और फिर इसका बारीक पेस्ट बनाएं। इसमें मक्खन की छोटी मात्रा मिला कर इसका सेवन करने से बवासीर की समस्या दूर हो जाएगी।

2. जामुन और आम की गुठली का सेवन करने से बवासीर की समस्या कम होती है— खूनी बवासीर में आम और जामुन की गुठली बड़े काम की जीज होती है। जामुन और आम की गुठली के अंदर का भाग निकालकर इसे धूप में सुखा लें और इसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण की एक चम्मच मात्रा गुनगुने पानी या फिर छाछ के साथ सेवन करें। बवासीर के इलाज में बहुत ही फायदेमंद साबित होती है।

3. एलोवेरा के सेवन से बवासीर की समस्या को दूर करें— एलोवेरा के सूजनरोधक और चिकित्सकीय गुणों से बवासीर की जलन कम हो जाती है, ौर कब्ज की समस्या नहीं होती। यह आंतरिक और बाह्य दोनों प्रकार के पाइल्स के इलाज में लाभदायक हैं। गुदा के बाहर के मस्सों में एलोवेरा जेल लगाएं। यह जलन और खुजली को शांत करता है। एलोवेरा के 250-300 ग्राम गूदे को खाने से मल त्यग करने में आसानी और कब्ज की परेशानी दूर हो जाएगी।

4. त्रिफला चूर्ण से बवासीर का इलाज करें— बवासीर का एक प्रमुख कारण कब्ज है और कब्ज को दूर करने में त्रिफला चूर्ण बेहद प्रभावी तरीके से काम करता है। इसलिए बवासीर के इलाज के लिए त्रिफला चूर्ण काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए 4 ग्राम त्रिफला चूर्ण रोज रात को सोने से पहले, गर्म पानी में लें। कुछ ही दिनों में आपको बवासीर परिवर्तन नजर आएगा।

5. सनाय चाय से करें बवसीर का इलाज— सनाय जड़ी बूटी अपने गुणों के लिए  अच्छी तरह से जानी जाती है। यह बवासीर के पीछे के मुख्य कारण कब्ज का इलाज करती है। सनाय में सक्रिय तत्व होते हैं जो पाचन तंत्र को शुद्ध करने के लिए उत्तेजक करने में मदद करते हैं। यह कम दर्द के साथ दस्त को साफ करते हैं। आप इसका सेवन 2 सप्ताह तक रोज करें। 2 सप्ताह के बाद इसका सेवन न करें 

6. हींग का सेवन  बवासीर के लिए फायदेमंद होता है— हींग को बवासीर के मरीज को अपनी डाइट में जरूर शामिल किया जाना चाहिए। आप इसे सब्जी के तड़के में इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर एक गिसाल पानी में घोलकर प्रतिदिन सेवन कर सकते हैं। यह पाचन में सुधार करता है और इसलिए बवासीर के इलाज के लिए हींग प्रभावी मानी जाती है।

#क्या छोटे बच्चों और शिशुओं को भी बवासीर होती है।

छोटे बच्चों और शिशु को बवासीर बहुत कम होती है। आमतौर छोटे बच्चों और शिशु पूरी तरह मां के दूध पर निर्भर होते हैं, ऐसे में कब्ज होना आम बात होती है। इसके अलावा अगर छोटे बच्चे ने हाल फिलाह में ही सख्त आहार का सेवन शुरू किया है तो इससे भी उन्हें कब्ज होने की आशंका बनी रहती है। बड़े बच्चों में कब्ज होने की वजह पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना, फाइबर न लेना और एक्सरसाइज न करना है। जहां तक छोटे बच्चे और शिशु में बवासीर के इलाज की बात है, इसके लिए ुन्हें पर्याप्त पानी पिलाएं, मल त्यागने के दौरान ल्यूब्रिकेंट या पेट्रोलियम जेली का उपयोग करें, अंग विशेष को  साफ करने  के लिए साफ और नर्म कपड़े या टिश्यू का इस्तेमा्ल करें। इसके अलावा स्थिति ज्यादा गंभीर हो तो डॉक्टर को दिखाएं

#छोटे बच्चों और शिशुओं में बवासीर के लक्षण 

1. मल से बलगम निकलना। 

2. मल त्यागने के दौरान बहुत ज्यादा रोना।

3. सख्त और सूखा मल निकलना।

4. मल के साथ सुर्ख लाल खून निकलना।

5. एनल में कट लगना।

ध्यान रखें कि अगर शिसु के मल के साथ रक्त भी निकल रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं



English translate👇


# What is hemorrhoids?



 Piles are known as piles.  In hemorrhoids, there is swelling and tension in the veins present in the anus and rectum.  Usually it is a varicose vein disease of the veins present in the anus and rectum.  Piles can occur in the inner part of the rectum or in the outer part of the anus.  Because of this, warts are formed inside and outside the anus or at any one place.  Warts are sometimes inside.  So sometimes they come out.  Many of whom bleed and have severe pain.  Sometimes, these warts come out on exertion.  If there is any such problem in the family, there is a possibility of it being found in the next generation.


 Hemorrhoids can sometimes be treated with a few simple changes in the lifestyle.  Such as eating fiber-rich food and creams etc.  When the problem of piles becomes more.  So it also has to be operated.  It is very important to treat hemorrhoids.  If the hemorrhoids are left untreated, it leads to prolonged swelling and redness and increases the chances of ulcers.  If hemorrhoids occur during pregnancy, they usually heal on their own.  To treat hemorrhoids caused by constipation, it is necessary to make changes in diet and lifestyle.  Some home remedies are also done to reduce this, which I want to tell through this article.


 # Types of piles


 1. Internal hemorrhoids - As we know from the name of this, that it is a hemorrhoids inside the anus, it does not cause much harm or discomfort if it is changed in food and it will be cured with time.  is.


 2. External hemorrhoids-
This hemorrhoids thrives in the outer part of the anus and it is in the same place from where the bowel movement is done.  Over time, lumps start to form in it, initially it does not cause so much trouble but as it grows, the problem also increases.  It is very important to treat it in time.


 3. Prolapse piles- When the internal piles start growing, it slowly starts coming out, this condition is called prolapse piles.


 4. Bloody Piles- Bloody Piles is considered to be the most complicated piles of all types of piles.  Because there is bleeding in it and the person becomes weak due to bleeding and due to this, the person is in a lot of trouble.  If blood comes during bowel movement, then it is a symptom of bloody piles.  It should be treated with zucchini.


 #symptoms of piles


 1. Painless bleeding during bowel movement


 2. Swelling around your anus


 3. Tingling or burning sensation in your anus


 4. Having warts or lumps near your rear-end.


 5. Itching in the anus region, which may occur continuously or intermittently.


 6. A mucus-like discharge from the anus.


 # Prevention of piles


 1. Eat fiber-rich foods - You should include green leafy vegetables, whole grains and cereals artificially added to your diet.  Along with this, you should also take natural fiber like isabgol in your diet.  But you should include fiber in your diet slowly, because some people may also have problems due to gas and flatulence.


 2. Drink more water - According to the body, you drink enough water to make stool soft.  It is not a problem when the stool is soft.


 3. Do not sit on the toilet seat for too long - Sitting on the toilet seat for a long time increases the chances of having bowel movements.  Along with this, the way of sitting on the seat also puts pressure on the blood vessels of the area around your anus.  For this, do not carry mobiles and magazines in the toilet, spend only as much time in the toilet as necessary.


 4. Do not ignore the desire for bowel movement -
If you ignore the habit of bowel movement, then this habit can make your stool hard or dry.  Due to hardening of stool, it causes discomfort while coming out.  And there is pressure on the veins of the gut.  Also, if you do not have a desire for bowel movements, you should apply unnecessary joe.


 5. Exercise - By being physically moving, the body gets rid of many diseases.  Also it is easy to pass bowel movements.  During the piles, you should gradually adopt the habit of effective and easy exercise.  Even by walking for only 20-25 minutes daily, your bowel movement is better.



 # Some home remedies for treating hemorrhoids


 1. Sesame seeds are beneficial for the treatment of hemorrhoids - Sesame seeds are considered good for piles.  It improves digestion and reduces the colon cleansing process by softening diarrhea.  It reduces inflammation and pain.  And reduces the sensation of burning and itching in the anal region.  Boil sesame seeds in water and then make a fine paste.  Mixing small amounts of butter in it and consuming it will remove the problem of piles.


 2. Consumption of berries and mango kernels reduces the problem of hemorrhoids - in bloody piles mangoes and berries kernels are very useful.  Remove the inner part of the berries and mango kernels, dry it in the sun and make its powder.  Take one spoon of this powder with lukewarm water or buttermilk.  It is very beneficial in the treatment of hemorrhoids.


 3. Eliminate the problem of hemorrhoids with the use of aloe vera- The anti-inflammatory and therapeutic properties of aloe vera reduces the irritation of hemorrhoids and does not cause constipation.  It is beneficial in treating both internal and external types of piles.  Apply aloe vera gel to warts outside the anus.  It calms the burning and itching.  Eating 250-300 grams pulp of aloe vera will ease the discharge of feces and relieve constipation.


 4. Treat hemorrhoids with Triphala powder -
One of the main causes of hemorrhoids is constipation and Triphala powder works very effectively in removing constipation.  Therefore, Triphala powder is very beneficial for the treatment of piles.  For this, take 4 grams Triphala powder before going to bed at night, in hot water.  Within a few days you will see hemorrhoids change.


 5. Cure Bawseer with Sanaya Tea -
Sanaya herb is well known for its properties.  It treats constipation, the main reason behind piles.  Sanaya contains active ingredients that help stimulate the digestive system to cleanse.  It clears diarrhea with less pain.  You should consume it daily for 2 weeks.  Do not consume it after 2 weeks


 6. Asafoetida is beneficial for piles- Asafetida should be included in the diet of a patient of piles.  You can use it in the tempering of vegetables or you can consume it by dissolving it in one gisal water.  It improves digestion and hence asafetida is considered effective for the treatment of hemorrhoids.


 # Do young children and infants also have hemorrhoids.


 Piles are very rare for young children and infants.  Usually small children and infants are completely dependent on breast milk, so constipation is common.  Apart from this, if the young child has started consuming strict diet in the recent stage, then it also causes them to be constipated.  The reason for constipation in older children is not drinking enough water, not taking fiber and not exercising.  As far as treating hemorrhoids in young children and infants is concerned, drink enough water for them, use lubricant or petroleum jelly during bowel movement, use a clean and soft cloth or tissue to clean the organ.  Also, see the doctor if the situation is more serious


 #Symptoms of hemorrhoids in young children and infants

 1. Mucus discharge from feces.


 2. Crying too much during bowel movements.


 3. Hard and dry stools.


 4. Dry red blood with stool.


 5. Getting cut in the anal.


 Keep in mind that if blood is coming out along with Shisu's stool, take it to the doctor immediately.


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