Monday, August 17, 2020
#Advantages and disadvantages of drinking green tea.(#ग्रीन टी पीने के फायदे और नुकसान )
2. ग्रीन टी का सेवन भोजन करने के 1 घंटे बाद पीना चाहिए।
Sunday, August 16, 2020
#What are the symptoms of piles prevention and home remedies?(#बवासीर के लक्षण, बचाव और घरेलू उपचार क्या है?)
#बवासीर क्या है?
बवासीर को पाइल्स के रूप में जाना जाता है। बवासीर रोग में गुदा व मलाशय में मौजूद नसों में सूजन व तनाव आ जाता है। आमतौर पर यह गुदा व मलाशय में मौजूद नसों का वैरिकोज वेन्स रोग होता है। बवासीर मलाशय के अंदरुनी हिस्से या गुदा के बाहरी हिस्से में हो सकता है। इसकी वजह से गुदा के अन्दर और बाहर या किसी एक जगह पर मस्से बन जाते है। मस्से कभी अन्दर रहते हैं। तो कभी बाहर आ जाते है। जिनमें से कई बार खून निकलता है और तेज दर्द भी होता है। कभी-कभी जोर लगाने पर ये मस्से बाहर की ओर आ जाते है। अगर परिवार में किसी को ऐसी समस्या रही है तो आगे की पीड़ी में इसके पाए जाने की आशंका बनी रहती है
बवासीर का इलाज कभी-कभी जीवनशैेली में कुछ साधारण बदलावों से किया जा सकता है। जैसे फाइबर युक्त आहार खाना और क्रीम आदि लगाना। जब बवासीर की समस्या ज्यादा हो जाती है। तो इसका ऑपरेशन भी करना पड़ता है। बवासीर होने पर इसका इलाज करना बहुत ही जरुरी है। बवासीर को बिना इलाज किए छोड़ दिया जाए, तो इससे लंबे समय तक सूजन व लालिमा से संबंधित स्थिति बन जाती है और अल्सर होने की संभावना बढ़ जाती है। आगर गर्भावस्था में बवासीर होता है तो वह आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है। कब्ज के कारण होने वाले बवासीर का इलाज करने के लिए आहार व जीवनशैली में बदलाव करना जरूरी होता है। इसके कम करने के लिए कुछ घरेलू उपचार भी किए जाते है जो इस लेख के माध्य से में बताना चाहता हूँ।
#बवासीर के प्रकार
1. अंदरूनी बवासीर— जैसे कि हमें इस के नाम से ही पता चल रहा है कि यह गुदा के अंदर होने वाली बवासीर है यह बहुत ज्यादा नकसान या तकलीफ नहीं देती है अगर खान पान में बदलाव किया जाए तो यह समय के साथ ठीक हो जाती है।
2. बाह्य बवासीर— यह बवासीर गुदा के बाहरी हिस्से में पनपती है तथा यह वही स्थान पर होती हैं जहां से मल त्याग किया जाता है। समय के साथ-साथ इस में गांठ बनने लगती है शुरुआत में तो इतनी तकलीफ नहीं देती है लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ती है तो तकलीफ भी बढ़ती जाती है। इसका समय रहते ही इलाज करना बहुत ही जरुरी है।
3. प्रोलैप्सड बवासीर— जब अंदरूनी बवासीर बढ़ने लगती है तो वह धीरे-धीरे बाहर की तरफ आने लगती है इस स्थिति को प्रोलैप्सड बवासीर कहा जाता है।
4. खूनी बवासीर— खूनी बवासीर को सभी प्रकार की बवासीर में सबसे जटिल बवासीर माना जाता है। क्योंकि इसमें रक्त स्राव होता है तथा रक्त स्राव होने से व्यक्ति कमजोर हो जाता है तथा ऐसा होने से व्यक्ति बहुत तकलीफ में आ जाता है। अगर मल त्याग के समय खून आए तो यह खूनी बवासीर का लक्षण है। इसका ज्लदी से इलाज करना चाहिए।
#बवासीर के लक्षण
1. मल त्याग के दौरान दर्द रहित रक्त स्राव
2. आपके गुदा के आसपास सूजन
3. आपके गुदा में झुनझुनी या जलन
4. आपके रियर-एंड के पास मस्से या गांठ होना।
5. गुदा क्षेत्र में खुजली, जो लगातार या रुक-रुक कर हो सकती है।
6. गुदा से एक बलगम जैसा स्राव निकलना।
#बवासीर के बचाव
1. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें— आप अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज और सेरियल्स कृत्रिम रूप से पोषक तत्व मिलाए गए खाद्य पदार्थ को शामिल करें। इसके साथ ही आपको प्राकृतिक फाइबर जैसे ईसबगोल को भी अपनी डाइट में लेना चाहिए। लेकिन आप फाइबर को धीरे-धीरे अपनी डाइट में शामिल करें, क्योंकि कुछ लोगों को इसकी वजह से गैस व पेट फूलने की समस्या भी हो सकता है।
2. अधिक पानी पीए— शरीर के अनुसार आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं इससे मल नरम होता है। मल नरम होने उसको बाहर आने में समस्या नहीं होती है।
3. टॉयलेट सीट पर ज्यादा देर तक ना बैठे— टॉलेट सीट पर ज्यादा देर तक बैठने से मल त्यागने में परेशानी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ ही सीट पर बैठने के तरीके से भी आपके गुदा के आस-पास के हिस्से की रक्त वाहिकाओं पर दबाव पड़ता है। इसके लिए आप टॉयलेट में मोबाइल और मैग्जीन को न ले जाएं जितना जरूरी हो टॉयलेट में केवल उतनी ही समय बिताएं।
4. मल त्याग की इच्छा को अनदेखा ना करें— मल त्याग करने की आदत को आप अनदेखा करते हैं, तो यह आदत आपके मल को सख्त या सुखा् बना सकती है। मल सख्त होने से इसको बाहर आते समय परेशानी होती है। और गुदी की नसों पर दबाव पड़ता है। ससाथ ही मल त्याग की इच्छा न होने पर आप अनावश्यक जो लगाएं।
5. व्यायाम करें— शारीरिक रूप से गतिशील रहने से शरीर को बहुत से रोगों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही मल त्याग करने में आसानी होती है। बवासीर होने के दौरान आपको धीरे-धीरे प्रभावी और आसान एक्सरसाइज करने की आदत को अपनाएं। रोजाना केवल 20-25 मिनट पैदल चलने ससे भी आपकी मल त्याग करने की प्रक्रिया बेहतर होती है।
#बवासीर के इलाज के लिए कुछ घरेलू उपचार
1.बवासीर के इलाज के लिए तिल के बीज होते है फायदेमंद— तिल के बीज को बवासीर के लिए अच्छा माना जाता है। यह पाचन क्रिया को सुधारता है और दस्त को नरम बनाकर कोलन सफाई प्रक्रिया को कम करता है। यह सूजन और दर्द को कम कर देता है। और गुदा क्षेत्र में जलन और खुजली की उत्तेजना को कम करता है। तिल के बीज को पानी में उबाल लें और फिर इसका बारीक पेस्ट बनाएं। इसमें मक्खन की छोटी मात्रा मिला कर इसका सेवन करने से बवासीर की समस्या दूर हो जाएगी।
2. जामुन और आम की गुठली का सेवन करने से बवासीर की समस्या कम होती है— खूनी बवासीर में आम और जामुन की गुठली बड़े काम की जीज होती है। जामुन और आम की गुठली के अंदर का भाग निकालकर इसे धूप में सुखा लें और इसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण की एक चम्मच मात्रा गुनगुने पानी या फिर छाछ के साथ सेवन करें। बवासीर के इलाज में बहुत ही फायदेमंद साबित होती है।
3. एलोवेरा के सेवन से बवासीर की समस्या को दूर करें— एलोवेरा के सूजनरोधक और चिकित्सकीय गुणों से बवासीर की जलन कम हो जाती है, ौर कब्ज की समस्या नहीं होती। यह आंतरिक और बाह्य दोनों प्रकार के पाइल्स के इलाज में लाभदायक हैं। गुदा के बाहर के मस्सों में एलोवेरा जेल लगाएं। यह जलन और खुजली को शांत करता है। एलोवेरा के 250-300 ग्राम गूदे को खाने से मल त्यग करने में आसानी और कब्ज की परेशानी दूर हो जाएगी।
4. त्रिफला चूर्ण से बवासीर का इलाज करें— बवासीर का एक प्रमुख कारण कब्ज है और कब्ज को दूर करने में त्रिफला चूर्ण बेहद प्रभावी तरीके से काम करता है। इसलिए बवासीर के इलाज के लिए त्रिफला चूर्ण काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए 4 ग्राम त्रिफला चूर्ण रोज रात को सोने से पहले, गर्म पानी में लें। कुछ ही दिनों में आपको बवासीर परिवर्तन नजर आएगा।
5. सनाय चाय से करें बवसीर का इलाज— सनाय जड़ी बूटी अपने गुणों के लिए अच्छी तरह से जानी जाती है। यह बवासीर के पीछे के मुख्य कारण कब्ज का इलाज करती है। सनाय में सक्रिय तत्व होते हैं जो पाचन तंत्र को शुद्ध करने के लिए उत्तेजक करने में मदद करते हैं। यह कम दर्द के साथ दस्त को साफ करते हैं। आप इसका सेवन 2 सप्ताह तक रोज करें। 2 सप्ताह के बाद इसका सेवन न करें
6. हींग का सेवन बवासीर के लिए फायदेमंद होता है— हींग को बवासीर के मरीज को अपनी डाइट में जरूर शामिल किया जाना चाहिए। आप इसे सब्जी के तड़के में इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर एक गिसाल पानी में घोलकर प्रतिदिन सेवन कर सकते हैं। यह पाचन में सुधार करता है और इसलिए बवासीर के इलाज के लिए हींग प्रभावी मानी जाती है।
#क्या छोटे बच्चों और शिशुओं को भी बवासीर होती है।
छोटे बच्चों और शिशु को बवासीर बहुत कम होती है। आमतौर छोटे बच्चों और शिशु पूरी तरह मां के दूध पर निर्भर होते हैं, ऐसे में कब्ज होना आम बात होती है। इसके अलावा अगर छोटे बच्चे ने हाल फिलाह में ही सख्त आहार का सेवन शुरू किया है तो इससे भी उन्हें कब्ज होने की आशंका बनी रहती है। बड़े बच्चों में कब्ज होने की वजह पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना, फाइबर न लेना और एक्सरसाइज न करना है। जहां तक छोटे बच्चे और शिशु में बवासीर के इलाज की बात है, इसके लिए ुन्हें पर्याप्त पानी पिलाएं, मल त्यागने के दौरान ल्यूब्रिकेंट या पेट्रोलियम जेली का उपयोग करें, अंग विशेष को साफ करने के लिए साफ और नर्म कपड़े या टिश्यू का इस्तेमा्ल करें। इसके अलावा स्थिति ज्यादा गंभीर हो तो डॉक्टर को दिखाएं
#छोटे बच्चों और शिशुओं में बवासीर के लक्षण
1. मल से बलगम निकलना।
2. मल त्यागने के दौरान बहुत ज्यादा रोना।
3. सख्त और सूखा मल निकलना।
4. मल के साथ सुर्ख लाल खून निकलना।
5. एनल में कट लगना।
ध्यान रखें कि अगर शिसु के मल के साथ रक्त भी निकल रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं
English translate👇
# What is hemorrhoids?
Piles are known as piles. In hemorrhoids, there is swelling and tension in the veins present in the anus and rectum. Usually it is a varicose vein disease of the veins present in the anus and rectum. Piles can occur in the inner part of the rectum or in the outer part of the anus. Because of this, warts are formed inside and outside the anus or at any one place. Warts are sometimes inside. So sometimes they come out. Many of whom bleed and have severe pain. Sometimes, these warts come out on exertion. If there is any such problem in the family, there is a possibility of it being found in the next generation.
Hemorrhoids can sometimes be treated with a few simple changes in the lifestyle. Such as eating fiber-rich food and creams etc. When the problem of piles becomes more. So it also has to be operated. It is very important to treat hemorrhoids. If the hemorrhoids are left untreated, it leads to prolonged swelling and redness and increases the chances of ulcers. If hemorrhoids occur during pregnancy, they usually heal on their own. To treat hemorrhoids caused by constipation, it is necessary to make changes in diet and lifestyle. Some home remedies are also done to reduce this, which I want to tell through this article.
# Types of piles
1. Internal hemorrhoids - As we know from the name of this, that it is a hemorrhoids inside the anus, it does not cause much harm or discomfort if it is changed in food and it will be cured with time. is.
2. External hemorrhoids- This hemorrhoids thrives in the outer part of the anus and it is in the same place from where the bowel movement is done. Over time, lumps start to form in it, initially it does not cause so much trouble but as it grows, the problem also increases. It is very important to treat it in time.
3. Prolapse piles- When the internal piles start growing, it slowly starts coming out, this condition is called prolapse piles.
4. Bloody Piles- Bloody Piles is considered to be the most complicated piles of all types of piles. Because there is bleeding in it and the person becomes weak due to bleeding and due to this, the person is in a lot of trouble. If blood comes during bowel movement, then it is a symptom of bloody piles. It should be treated with zucchini.
#symptoms of piles
1. Painless bleeding during bowel movement
2. Swelling around your anus
3. Tingling or burning sensation in your anus
4. Having warts or lumps near your rear-end.
5. Itching in the anus region, which may occur continuously or intermittently.
6. A mucus-like discharge from the anus.
# Prevention of piles
1. Eat fiber-rich foods - You should include green leafy vegetables, whole grains and cereals artificially added to your diet. Along with this, you should also take natural fiber like isabgol in your diet. But you should include fiber in your diet slowly, because some people may also have problems due to gas and flatulence.
2. Drink more water - According to the body, you drink enough water to make stool soft. It is not a problem when the stool is soft.
3. Do not sit on the toilet seat for too long - Sitting on the toilet seat for a long time increases the chances of having bowel movements. Along with this, the way of sitting on the seat also puts pressure on the blood vessels of the area around your anus. For this, do not carry mobiles and magazines in the toilet, spend only as much time in the toilet as necessary.
4. Do not ignore the desire for bowel movement - If you ignore the habit of bowel movement, then this habit can make your stool hard or dry. Due to hardening of stool, it causes discomfort while coming out. And there is pressure on the veins of the gut. Also, if you do not have a desire for bowel movements, you should apply unnecessary joe.
5. Exercise - By being physically moving, the body gets rid of many diseases. Also it is easy to pass bowel movements. During the piles, you should gradually adopt the habit of effective and easy exercise. Even by walking for only 20-25 minutes daily, your bowel movement is better.
# Some home remedies for treating hemorrhoids
1. Sesame seeds are beneficial for the treatment of hemorrhoids - Sesame seeds are considered good for piles. It improves digestion and reduces the colon cleansing process by softening diarrhea. It reduces inflammation and pain. And reduces the sensation of burning and itching in the anal region. Boil sesame seeds in water and then make a fine paste. Mixing small amounts of butter in it and consuming it will remove the problem of piles.
2. Consumption of berries and mango kernels reduces the problem of hemorrhoids - in bloody piles mangoes and berries kernels are very useful. Remove the inner part of the berries and mango kernels, dry it in the sun and make its powder. Take one spoon of this powder with lukewarm water or buttermilk. It is very beneficial in the treatment of hemorrhoids.
3. Eliminate the problem of hemorrhoids with the use of aloe vera- The anti-inflammatory and therapeutic properties of aloe vera reduces the irritation of hemorrhoids and does not cause constipation. It is beneficial in treating both internal and external types of piles. Apply aloe vera gel to warts outside the anus. It calms the burning and itching. Eating 250-300 grams pulp of aloe vera will ease the discharge of feces and relieve constipation.
4. Treat hemorrhoids with Triphala powder - One of the main causes of hemorrhoids is constipation and Triphala powder works very effectively in removing constipation. Therefore, Triphala powder is very beneficial for the treatment of piles. For this, take 4 grams Triphala powder before going to bed at night, in hot water. Within a few days you will see hemorrhoids change.
5. Cure Bawseer with Sanaya Tea - Sanaya herb is well known for its properties. It treats constipation, the main reason behind piles. Sanaya contains active ingredients that help stimulate the digestive system to cleanse. It clears diarrhea with less pain. You should consume it daily for 2 weeks. Do not consume it after 2 weeks
6. Asafoetida is beneficial for piles- Asafetida should be included in the diet of a patient of piles. You can use it in the tempering of vegetables or you can consume it by dissolving it in one gisal water. It improves digestion and hence asafetida is considered effective for the treatment of hemorrhoids.
# Do young children and infants also have hemorrhoids.
Piles are very rare for young children and infants. Usually small children and infants are completely dependent on breast milk, so constipation is common. Apart from this, if the young child has started consuming strict diet in the recent stage, then it also causes them to be constipated. The reason for constipation in older children is not drinking enough water, not taking fiber and not exercising. As far as treating hemorrhoids in young children and infants is concerned, drink enough water for them, use lubricant or petroleum jelly during bowel movement, use a clean and soft cloth or tissue to clean the organ. Also, see the doctor if the situation is more serious
#Symptoms of hemorrhoids in young children and infants
1. Mucus discharge from feces.
2. Crying too much during bowel movements.
3. Hard and dry stools.
4. Dry red blood with stool.
5. Getting cut in the anal.
Keep in mind that if blood is coming out along with Shisu's stool, take it to the doctor immediately.
Saturday, August 15, 2020
#What is fatty liver and its home remedies?(#फैटी लिवर क्या होता है और इसके घरेलू उपचार क्या है?)
#लिवर क्या है?
लिवर हमारे शरीर का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। यह पेट के दाहिने ओर रिब पिंजरे के नीजे होता है। लिवर भोजन को पचाने में मदद करता है। और साथ ही यह छोटी-मोटी समस्याओं को यह खुद ही ठीक कर लेता है, लेकिन कई बार खान-पान में असावधानी या ज्यादा शराब का सेवन करने से लिवर में गड़बड़ी आ जाती है। लिवर में सूजन आ जाने से शरीर की कार्य प्रणाली बिगड़ जाती है। लिवर खराब होने पर खाना नहीं पचता, न शरीर को ऊर्जा मिलती है। लिवर शरीर को संक्रमण से लड़ने, रक्त शर्करा या ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने, शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने, फैट को कम करने तथा प्रोटीन बनाने में अहम भूमिका प्रदान करता है। कहा जाता है कि "लिवर को आप सुरक्षित रखोगे लिवर आप को सुरक्षित रखेगा।"
#जाने फैटी लिवर क्या होता है
फैटी लिवर कोो हेप्टिक स्टेटोसिस भी कहा जाता है। लिवर की कोशिकाओं में आधिक मात्रा में फैट जमा हो जाता है लिवर पर वसा की कुछ मात्रा का होना तो सामान्य बात है। लेकिन जब वसा की मात्रा आधिक हो जाती है तो बीमारी का कारण बन जाती है। जिससे लिवर के कार्यों में बाधा उत्पन्न करता है। और शरीर के लिए जरूरी पित्त रस एवं इंसुलिन का उत्पादन धीमा कर देता है। कुछ लोग सोचते हैं फैटी लिवर केवल शराब या अन्य मादक चीजों का सेवन करने से ही होता है और फैटी लिवर का इलाज घर में करना संभव नहीं है। सबसे पहले तो यह जान लें कि फैटी लिवर की बीमारी शराब के साथ-साथ मोटापे और खाने की अनुचित आदतों वाले लोगों में भी यह हो सकता है। दूसरी बात यह जान लें कि फैटी लिवर का उपचार आप घर पर भी कर सकते हैं। फैटी लिवर का इलाज करने के लिए घरेलू उपचार बहुत काम आते हैं। में इस लेख के माध्यम से कुछ घरेलू उपचार बताना चाहता हूँ।
#फैटी लिवर होने के कारण क्या है?
1.मोटापा होना।
2. मधुमेह या डायबिटीज का होना।
3. अनुवांशिकता।
4. अत्यधिक शराब पीना।
5. अत्यधिक वसा युक्त भोजन का सेवन करना।
6. रक्त में वसा का स्तर ज्यादा होना।
7. पीने के पानी में क्लोरिन की अत्यधिक मात्रा।
8.वायरल हेपेटाइटिस।
9. फास्ट फूट का सेवन करना।
#फैटी लिवर के लक्षण
1. वजन में गिरावट होना।
2. कमजोरी महसूस करना।
3. पेट के दाएं भाग के ऊपरी हिस्से में दर्द होना।
4. भोजन का सही तरीके से पाचन न होना।
5. एसिडिटी का होना।
6. पेट में सूजन होना।
7. भूख न लगना।
8. आंखों या त्वचा का पीला पड़ना।
#फैटी लिवर को सही करने के घरेलू उपाचर
1.नींबू का सेवन— फैटी लिवर के इलाज के लिए नींबू का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। नींबू विटामिन-सी से भरपूर होता है। जो कि एक पॉवरफूल एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह लिवर की कोशिकाओं को रेडिकल डैमेज ससे रोक सकता है। एक कप पानी में आधा नींबू निचोड़ें और एक चम्मच शहद डालकर रोज सुबह खाली पेट पीने से फैटी लिवर की समस्या खत्म हो जाएगी।
2. शहद का सेवन— सुबह खाली पेट व्यायाम करने के बाद एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद डालकर पीने से पेट की चर्बी और फैटी लिवर की समस्या दूर हो जाएगी। क्योंकि शहद में मिला गुनगुना पानी हमारे लिवर को साफ रखता है और फैट को कम करता है।
3. ग्रीन टी का सेवन— ग्रीन टी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो लिवर में जमी वसा या फैट को कम करती है इसका सेवन दिन में 2-3 बार करने ससे आपको जल्दी फायेदा होगा। इससमें आप चीनी का प्रोय न करें। ग्रीन टी में विशेष प्रकार के पोलीफेनॉल्सस पाए जाते हैं जिससे शरीर में फैट बर्न करने में मदद मिलती है। ग्रीन टी विटामिन-सी, कैरोटीन, जस्ता, सेलेनियम, क्रोमियम और खनिजों के रूप में पोषक तत्वो ससे भरपूर होती है।
4. आंवला का सेवन— आंवला विटामिन-सी से भरपूर है। जो लिवर को साफ रखने और आगे किसी भी तरह के नुकसान से बचाने में मदद करता है। आंवले में क्यूरसेटिन नामक फाइटोकेमिकल होता है जो लिवर कोशिकाओं के ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर सकता है। 2-3 आंवले ले और उन्हें छोटे टुकड़ों में काटकर बीज अलग कर दें। अब इसमें थोड़ा-सा पानी डालकर जूस निकाल लें। इस जूस को एक गिलास गर्म पानी में डालकर रोज सेवन करने से फैटी लिवर की समस्या दूर हो जाएगी।
5. दालचीनी का सेवन— दालचीनी के गुण मेटाबॉलिज्म की गतिविधियों को बढ़ाते हैं, जिससे हृदय की बीमारी और शुगर का इलाज करने में मदद मिलती है। और साथ ही फैटी लिवर और मोटापा दूर करने में भी मदद करती है। एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक गिलास गर्म पानी में मिला लें, और इसमें आधे नींबू का रसस डाल देंऽ पूरे मिश्रण को अच्छे से मिलाने के बाद इससे शहद को भी मिला लें। इसका सेवन रोज खाली पेट एक बार जरूर करें। इसका सेवन करने से फैटी लिवर की समस्या दूर हो जाएगी।
6. सेब के सिरके का सेवन— सेब का सिरका लिवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल देता है। सेब का सिकरा लिवर को स्वस्थ बनाने में मदद करताहै। एक कप गुनगुने पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पीने से फैटी लिवर की समस्या दूर हो जाएगी।
7. करेले के जूस का सेवन— फैटी लिवर की परेशानी से बचने के लिए करेले की सब्जी या जूसस का सेवन करें।
8. हल्दी का सेवन— हल्दी में शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने के गुण होते है। यह शरीर को डिटॉक्सिफाई करती है। फैटी लिवर की समस्या में हल्दी का इस्तेमाल फायदेमंद माना जाता है। यह कई तरह के हेपटाइटिस संक्रमण से भी बचाव करती है। हल्दी पाउडर की जगह हल्दी की गांठ को पीस कर मसाले के रूप में इस्तेमालल कर सकते है।
#फैटी लिवर की समस्या होने पर किस तरह का खान-पान करना चाहिए।
1. ताजे फल एवं सब्जियों का अधिक से अधिक सेवन करें।
2. अधिक फाइबर युक्त आहार का सेवन करें।
3. भोजन में लहसुन का इस्तेमाल करें। यह फैट जमा होने से रोकता है।
4. तले-भुने एवं जंक फूड का सेवन न करें।
5. एल्कोहल या शराब का सेवन न करें।
6. राजमा, सफेद चना, काली दाल इन सब का सेसवन बहुत कम करना चाहिए तथा हरी मूंग दाल और मसूर दाल का सेवन करना चाहिए।
7. ग्रीन टी का सेवन करें। ग्रीन टी फैट को कम करने में बहुत ही फायदेमंद मानी जाती है।
8. मक्खन, मेयोनीज, चिप्स, केक, पिज्जा, मिठाई, चीनी इनका उपयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
9. वसा युक्त भोजन नहीं करना चाहिए।
10. नियमित रूप से रोज सुबह-शाम व्यायाम करना चाहिए।
नोटः— फैटी लिवर की समस्या होने पर अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले। और साथ ही इन घरेलू उपचारों का प्रोयग भी करें। इन घरेलू उपचारों से जल्दी छुटकारा मिल सकता है।
English translate👇
# What is liver?
Liver is one of the largest and most important organs of our body. It is the right side of the rib cage on the right side of the stomach. Liver helps in digesting food. And at the same time, it fixes minor problems on its own, but sometimes inadvertence in eating or consuming too much alcohol causes liver disturbances. The body's functioning deteriorates due to swelling in the liver. Food is not digested due to liver failure, nor body gets energy. Liver provides an important role in the body to fight infection, control blood sugar or blood sugar, remove toxins from the body, reduce fat and make protein. It is said that "You will keep the liver safe, the liver will keep you safe."
# Know what is fatty liver
Fatty liver is also called hepatic steatosis. A lot of fat accumulates in the liver cells, it is normal to have some amount of fat on the liver. But when the amount of fat becomes excessive then it becomes the cause of disease. Which causes obstruction of liver functions. And slows down the production of bile juice and insulin required by the body. Some people think that fatty liver is caused only by consuming alcohol or other intoxicants and it is not possible to treat fatty liver at home. First of all, be aware that fatty liver disease can occur in people with alcohol as well as people with obesity and improper eating habits. Second thing to know is that you can also treat fatty liver at home. Home remedies to treat fatty liver are very useful. I want to tell some home remedies through this article.
# What is the reason for having fatty liver?
1. To be fat.
2. Diabetes or diabetes.
3. Heredity.
4. Drinking excessive alcohol.
5. Consume food with excessive fat.
6. High blood fat levels.
7. Excessive amounts of chlorine in drinking water.
8. Viral Hepatitis.
9. Consuming fast foot.
# Fatty Liver Symptoms
1. Weight loss.
2. Feeling weakness.
3. Pain in the upper abdomen.
4. Lack of proper digestion of food.
5. Having acidity.
6. Abdominal bloating.
7. Loss of appetite.
8. Yellowing of eyes or skin.
# Domestic aids to correct fatty liver
1. Lemon intake- Lemon can also be used to treat fatty liver. Lemon is rich in vitamin-C. Which is a powerful antioxidant. This can prevent radical damage to liver cells. Squeeze half a lemon in a cup of water and add one teaspoon of honey and drink it on an empty stomach every morning will eliminate the problem of fatty liver.
2. Consumption of honey- After exercising on an empty stomach in the morning, adding a spoonful of honey to a glass of lukewarm water, drinking it will remove the problem of stomach fat and fatty liver. Because lukewarm water in honey keeps our liver clean and reduces fat.
3. Green tea intake- Green tea is a powerful antioxidant that reduces the fat or fat stored in the liver and you will get a quick boost by consuming it 2-3 times a day. Do not use sugar in this. Green tea has a special type of polyphenols, which helps in burning fat in the body. Green tea is rich in nutrients in the form of vitamin C, carotene, zinc, selenium, chromium and minerals.
4. Amla intake - Amla is rich in Vitamin-C. Which helps to keep the liver clean and prevent further damage. Amla has a phytochemical called Curacetin which can reduce the oxidative stress of liver cells. Take 2-3 amla and cut them into small pieces and separate the seeds. Now add some water and take out the juice. Putting this juice in a glass of warm water and consuming it daily will solve the problem of fatty liver.
5. Cinnamon intake- The properties of cinnamon increase the activity of metabolism, which helps in treating heart disease and sugar. And also helps in removing fatty liver and obesity. Mix one spoonful of cinnamon powder in a glass of warm water, and add half a lemon juice to it. After mixing the whole mixture well, add honey to it. Take it once daily on an empty stomach. Consuming this will eliminate the problem of fatty liver.
6. Consumption of apple vinegar- Apple vinegar removes toxins from the liver. Apple seed helps in making the liver healthy. Mixing one teaspoon of apple vinegar in one cup of lukewarm water, drinking it will remove the problem of fatty liver.
7. Consuming bitter gourd juice- To avoid the problem of fatty liver, eat bitter gourd vegetable or juice.
8. Consumption of turmeric- Turmeric has the properties of removing toxins from the body. It detoxifies the body. The use of turmeric is considered beneficial in the problem of fatty liver. It also protects against many types of hepatitis infection. Instead of turmeric powder, turmeric lumps can be grinded and used as spices.
# What kind of food should be taken in case of fatty liver problem.
1. Eat more of fresh fruits and vegetables.
2. Eat more fiber rich diet.
3. Use garlic in food. This prevents fat accumulation.
4. Do not eat fried and fried junk food.
5. Do not consume alcohol or alcohol.
6. Rajma, white gram, black lentil should all be reduced greatly and green moong dal and masoor dal should be consumed.
7. Eat Green Tea. Green tea is considered very beneficial in reducing fat.
8. Butter, mayonnaise, chips, cakes, pizzas, sweets, sugar should not be used at all.
9. Fat foods should not be eaten.
10. Exercise should be done regularly every morning and evening.
Note: - If you have fatty liver problem, please consult your doctor. And also use these home remedies. These home remedies can get rid of quickly.
Friday, August 14, 2020
#How to have a balanced diet?(#संतुलित आहार कैसा हो?)
#संतुलित आहार क्या है?
भोजन करने का मतलब यह नहीं होता कि कुछ भी खा लिया जाए। थोड़ा खाएं, लेकिन स्वच्छ और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन ही खाना चाहिए। इससे सिर्फ हम अनेक बीमारियों से दूर ही नहीं बल्कि शारीरिक विकास भी अच्छा होता है। हमारे संतुलित आहार में पाए जाने वाले तत्व हैं— कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा और तेल, विटामिन और खनिज और अतिरिक्त भोजन में सभी पोषक तत्व होने चाहिए। अर्थात मांसपेशियों और उत्तकों को मजबूत बनाने के लिए प्रोटीन, ऊर्जा या शक्ति प्रदान करने के लिए कार्बोहाइड्रेट और वसा, मजबूत हड्डियों और रक्त के विकास के लिए खनिज लवण और स्वस्थ जीवन एवं शारीरिक विकास के लिए विटामिन आवश्यक होते है।
इसलिए यह जरूरी है कि हर व्यक्ति अपनी आयु, लिंग, काम की दशा आदि के अनुसार अपने भोजन में सभी आवश्यक पोषक तत्व शामिल करें। मनुष्य की इन आवश्यकताओं को पूरा करने वाले भोजन को संतुलित भोजन कहते है।
#भोजन में आवश्यक पदार्थ
1.प्रोटीन— प्रोटीन संतुलित भोजन में पोषक तत्वों में से एक हैं प्रोटीन शरीर के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। प्रोटीन मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करती है। और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है। प्रोटीन की मात्रा हर व्यक्ति को अगल-अगल लेनी चाहिए। जो व्यक्ति अधिक परिश्रम करते है। उन लोगों को अधिक प्रोटीन की जरूरत होती है। मोटापे से परेशान लोग प्रोटीन का सेवन कम करें। प्रोटीन के लिए दूध, पनीर, दही, तिलहन, और गिरी, सोयाबीन, खमीर, दाले, मांस, कलेजी, मछली, अण्डा और अनाज।
2.वसा— हमारे भोजन में वसा की भी बहुत जरूरत होती है। वसा वह पोषक पदार्थ है जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। और घुनलनशील विटामिनों की पूर्ति भी करती है। वसा के लिए मक्खन, घी, वनस्पति तेल, तिलहन, और गिरी, मछली का तेल और अण्डे की जर्दी।
3.कार्बोहाइड्रेट— कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के 1ः2ः3 के अनुपात से मिलकर बने कार्बनिक पदार्थ कार्बोहाइड्रेट कहलाते है। शरीर को 50-75 प्रतिशत ऊर्जा की पूर्ति इन्हीं पदार्थों द्वारा की जाती है। कार्बोहाइड्रेट का मुख्य कार्य शरीर को शक्ति प्रदान करना होता है कार्बोहाइड्रेट के लिए अनाज, बाजरा, कनदमूल जैसे कि आलू, चुकन्दर, अरवी, टेपिओका आदि चीनी तथा गुड़।
4.विटामिन— विटामिन का अविष्कार फंक नामक वैज्ञानिक ने किया था। विटामिन एक प्रकार का कार्बनिक यौगिक है। इनसे कोई कैलोरी प्राप्त नहीं होती है, परन्तु ये शरीर के उपापचय में रासायनिक प्रतिक्रियाओं के नियम के लिए अत्यन्त आवश्यक हैं। इसे रक्षात्मक पदार्थ भी कहा जाता है। विटामिन दो प्रकार के होते है।
1. जल में घुलनशील विटामिन—विटामिन-बी और विटामिन-सी
2. वसा में घुलनशील विटामिन— विटामिन-ए, विटामिन-डी, विटामिन-ई, विटामिन-के
1.विटामिन-ए— विटामिन-ए हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करता है। और नेत्र, त्वचा, हड्डी को भी मजबूती प्रदान करता है। विटामिन-ए आँखों के लिए सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। विटामिन-ए के स्रोत दूध, अंडा पनीर, हरी साग सब्जी, मछली का तेल, मूँगफली, तिल,
विटामिन-ए की कमी से होने वाले रोग— विटामिन-ए की कमी से रतौंधी, संक्रमणों का खतरा, जीरोप्थैलमिया नामक रोग हो जाते है। इन रोगों से बचने के लिए विटामिन-ए युक्त भोजन करें।
2.विटामिन-बी— विटामिन-बी का रासायनिक नाम थायमिन होता है विटामन-बी के अन्दर कई समुह होते है। विटामिन-बी भूख, पाचन शक्ति तथा स्वस्थ आयु प्रणाली और भोजन की शर्करा को शक्ति में बदलता है। विटामिन-बी के स्रोत—खमीर, कलेजी, मांस हरी सब्जियाँ, दूध
विटामिन-बी की कमी से होने वाले रोग— विटामिन-बी की कमी से बेरी-बेरी , त्वचा का फटना, आँखों का लाल होना,नामक रोग हो जाते है। इन रोगों से बचने के लिए विटामिन-बी युक्त भोजन करें।
3.विटामिन-सी— विटामिन-सी हमारे शरीर की कोशिकाओ को मजबूत बनाना, रक्त वाहिका की भित्तियों को शक्तिशाली बनाना, संक्रमण की रोकथाम और रोग से जल्दी मुक्ति पाने की शक्ति प्रदान करती है। विटामिन-सी के मुख्य स्रोत— नींबू, संतरा, नारंगी, टमाटर, खट्टे पदार्थ, मर्च, अंकुरित अनाज
विटामिन-सी की कमी से होने वाले रोग— विटामिन-सी की कमी से स्कर्बी और मसूढ़े का फूलना, मसूढ़ों से रक्त निकलना नामक रोग हो जाते है। इन रोगों से बचने के लिए विटामिन-सी युक्त भोजन खाएं।
4.विटामिन-डी— विटामिन-डी शरीर को काफी मात्रा में कैल्शियम ग्रहण करने और हड्डी मजबूत बनाने के में सहायता प्रदान करता है। विटामिन-डी के मुख्य स्रोत— दूध, मक्खन, अंडे, दूध पनीर मछली, तेल और घी।
विटामिन-डी के कमी से होने वाले रोग— विटामिन-डी की कमी से रिकेट्स(बच्चों में होता है) और ऑस्टियोमलेशिया (वयस्कों मे होता है।) इन रोगों से बचने के लिए विटामिन-डी युक्त भोजन करें।
5.विटामिन-ई— विटामिन-ई जनन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। इसके मुख्य स्रोत— पत्ती वाली सब्जियाँ, दूध, मक्खन, अंकुरित अनाज, वनस्पति तेल
विटामिन-ई की कमी से होने वाले रोग— विटामिन-ई की कमी से जनन शक्ति का कम होना नामक रोग हो जाता है। इसके लिए विटामिन-ई युक्त भोजन आवश्य लें।
6. विटामिन-के— विटामिन-के हमारे शरीर के कटने पर रक्त का थक्का बनाने में मदद करता है। इसके मुख्य स्रोत— टमाटर, हरी सब्जिया, आदि है।
विटामिन-के की कमी से होने वाला रोग— विटामिन-के की कमी से रक्त का थक्क नही बनाता है। इसके लिए विटामिन-के युक्त भोजन करना चाहिए।
5.पानी— खाने के साथ-साथ उचित मात्रा में पानी पीना भी जरूरी होता है। कम पानी पीने से शरीर बीमारियों का घर बन सकता है। इसलिए खुद को हाइड्रेट रखने के लिए और बीमारियों से खुद को दूर रखने के लिए उचित मात्रा में पानी पीएं। हर रोज कम से कम 8-10 गिलास बैठ कर पीना चाहिए।
6.फाइबर— जब संतुलित आहार की बात की जाती है तो फाइबर का भी होना जरूरी है। फाइबर युक्त भोजन का सेवन पाचन तंत्र के लिए आवश्यक होता है। हार्ट फाउंडेशन की सलाह के अनुसार, वयस्कों को रोजाना लगभग 25-30 ग्राम फाइबर लेना चाहिए। फाइबर के सेवन से कई तरह की शारीरिक समस्याएं जैसे— पेट की परेशानी, सूजन, कब्ज, हृदय रोग का जोखिम आदि कम हो सकता है।
7.मिनरल— मिनरल शरीर में खून की कमी को दूर करता है और दांत अच्छे होते है, हड्डियां मजबूत होती है, इसके अलावा यह शरीर की मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र को भी सही रखता है। मिनरल हार्मोन को भी संतुलित रख सकता है। आयोडीन, आयरन, कैल्शियम व पोटैशियम महत्वपूर्ण मिनरल्स होते हैं
English translate👇
# What is a balanced diet?
Eating food does not mean eating anything. Eat a little, but only clean and nutritious food should be eaten. Not only do we get rid of many diseases, but physical development is also good. The elements found in our balanced diet are carbohydrates, proteins, fats and oils, vitamins and minerals, and the extra food should contain all the nutrients. That is, carbohydrates and fats to provide protein, energy or strength to strengthen muscles and tissues, mineral salts for the development of strong bones and blood and vitamins are necessary for healthy life and physical development.
Therefore, it is important that every person should include all the necessary nutrients in their food according to their age, sex, work condition etc. The food that satisfies these needs of man is called balanced food.
# Essential Ingredients in Food
1. Protein - Proteins are one of the nutrients in a balanced diet. Protein is most important for the body. Protein strengthens muscles. And also increases immunity. Protein intake should be taken individually by each person. People who work hard Those people need more protein. Obese people reduce protein intake. Milk, cheese, yogurt, oilseeds, and kernels, soybeans, yeast, pulses, meat, liver, fish, eggs, and grains for protein.
2. Fat - Fat is also needed in our diet. Fat is the nutrient that provides energy to the body. And also supplies miscible vitamins. Butter, ghee, vegetable oil, oil seeds, and kernels, fish oil and egg yolk for fat.
3. Carbohydrates - Organic materials consisting of 1: 2: 3 ratio of carbon, hydrogen and oxygen are called carbohydrates. 50-75 percent of the energy of the body is supplied by these substances. The main function of carbohydrates is to provide strength to the body, for carbohydrates, grains, millet, candle, such as potatoes, beetroot, arvi, tapioca, etc. sugar and jaggery.
4. Vitamin - Vitamin was invented by a scientist named Funk. Vitamin is a type of organic compound. They do not provide any calories, but they are very important for the regulation of chemical reactions in the metabolism of the body. It is also called defensive matter. There are two types of vitamins.
1. Water Soluble Vitamins — Vitamin B and Vitamin C
2. Fat-soluble vitamins - Vitamin-A, Vitamin-D, Vitamin-E, Vitamin-K
1. Vitamin-A- Vitamin-A strengthens our body's immune system. And also strengthens the eye, skin, bone. Vitamin-A is considered the best source for eyes. Sources of Vitamin-A include milk, egg cheese, green greens, fish oil, peanuts, sesame seeds,
Diseases caused by vitamin-A deficiency - Night blindness due to vitamin-A deficiency, the risk of infections, diseases are called xerophthalmia. To avoid these diseases, take vitamin-A food.
2. Vitamin-B- The chemical name of Vitamin-B is thiamine. There are many groups inside vitamin B. Vitamin-B changes appetite, digestive power and healthy age system and food sugar in strength. Sources of Vitamin B — Yeast, liver, meat, green vegetables, milk
Diseases caused by vitamin-B deficiency- Vitamin-B deficiency causes diseases called berry-berry, skin rash, red eyes. To avoid these diseases, take vitamin-B food.
3. Vitamin-C- Vitamin-C provides strength to strengthen our body cells, strengthen blood vessel reefs, prevent infection and get rid of disease quickly. Main sources of Vitamin C - Lemon, orange, orange, tomato, citrus, merch, sprouted grains
Diseases due to deficiency of Vitamin C- Scurby and gingivitis due to vitamin-C deficiency, bleeding from the gums are called diseases. To avoid these diseases, eat vitamin-C rich food.
4. Vitamin-D- Vitamin-D helps the body to take calcium in a large amount and strengthen bone. The main sources of vitamin D - milk, butter, eggs, milk, cheese, fish, oil and ghee.
Vitamin-D deficiency diseases - Vitamin-D deficiency occurs in rickets (occurs in children) and osteomalacia (occurs in adults.) To avoid these diseases, take vitamin-D food.
5. Vitamin-E- Vitamin-E helps to increase reproductive power. Its main sources - leaf vegetables, milk, butter, sprouted grains, vegetable oil
Diseases due to deficiency of Vitamin-E- Due to deficiency of Vitamin-E, it becomes a disease called depletion of reproductive power. For this, take vitamin-E rich food.
6. Vitamin-K- Vitamin-K helps in making blood clot when our body is cut. Its main sources are tomatoes, green vegetables, etc.
Vitamin-K deficiency disease- Vitamin-K deficiency does not make blood clot. For this, vitamin-K food should be taken.
5. Water - Along with eating, drinking the right amount of water is also necessary. By drinking less water, the body can become the home of diseases. So drink appropriate amount of water to keep yourself hydrated and to keep yourself away from diseases. At least 8-10 glasses of tea should be drunk everyday.
6. Fiber - When it comes to a balanced diet, fiber is also important. The intake of fiber-rich food is essential for the digestive system. According to the Heart Foundation's advice, adults should take about 25-30 grams of fiber daily. Consumption of fiber can reduce the risk of many physical problems such as stomach problems, bloating, constipation, heart disease, etc.
7. Mineral- Mineral removes blood loss in the body and teeth are good, bones are strong, besides, it also keeps the muscles and nervous system of the body correct. Minerals can also balance hormones. Iodine, iron, calcium and potassium are important minerals.
Thursday, August 13, 2020
#What are the advantages and disadvantages of eating dates. (#खजूर खाने के फायदें और नुकसान क्या है?)
#खजूर क्या है?
खजूर को कौन नहीं जानता है। लगभग सभी खजूर को जानते होंगे। खजूर का पेड़ बहुत ही लम्बा होता है। इस पर पत्तियां बहुत कम होती है। लेकिन इसका फल बहुत ही मीठा और गुणकारी होता है। खजूर खाने से बहुत से रोगों की रोकथाम होती है। खजूर के फल में पोष्टिक तत्व और खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते है। इसमें डायट्री फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स. प्रोटीन, विटामिन बी6, आयरन जैसी खूबियों से भरपूर खजूर वैसे तो सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। खजूर या डेट्स को अगर दूध में मिलाकर खाया जाए तो यह पाचन को मजबूत बनाता है। यह ब्रेन हेल्थ के लिए भी अच्छा माना जाता है। लेकिन हर चीज को खाने पीने की एक लिमिट होती है। आगर आप ज्यादा खजूर खाते हो तो यह नुकसानदायक भी हो सकती है।
खजूर का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। आप को पता है यह किस देश की पारंपारिक फसल है। इराक,अरब, उत्तरी अफ्रीका, मोरक्को में खजूर एक महत्वपूर्ण पारंपारिक फसल है। विश्व स्तर पर खजूर का सबसे बड़ा उत्पादक मिस्र को माना जाता है और इसके बाद ईरान एवं सऊदी अरब का नाम आता है। भारत में राजस्थान, पश्चिम में गुजरात और दक्षिण में तमिलनाडु एवं केरल में सबसे ज्यादा खजूर उगाए जाते हैं। भारत दुनिया में खजूर का सबसे बड़ा आयातक देश है।
#खजूर खाने के फायदे
1.हृदय के लिए खजूर बहुत ही फायदेमंद होता है—हृदय को स्वस्थ रखने में खजूर बहुत ही फायदेमंद होता है। खजूर में अच्छी मात्रा में आयरन, विटामिन-ए व कोलेस्ट्रॉल कम होता है। जो दिल की धमनियों को स्वस्थ रखता है। रोजाना खजूर का सेवन करने से हृदय सम्बंधित समस्या का जोखिम नहीं होता है। और हृदय से संबंधित बीमारियां भी दूर होती है।
2.गर्भावस्ता के लिए खजूर फायदेमंद होता है— सामान्य महिलाओं की अपेक्षा गर्भवती महिलाओं को अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है। लेकिन ज्यादतर गर्भवती महिलाएं अधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ चुनती हैं जिनमें पोषक तत्व कम होते हैं जो उनके लिए स्वस्थ आहार नहीं होता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को खजूर का सेवन करने के लिए कहा जाता है। खजूर में हर तरह के जरुरी पोषक तत्व होते हैं। जबकि इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है। गर्भावस्था के आखिरी महीनों में गर्भाशय की मांसपेशियों को मजबूत करन ेके लिए भी खजूर का सेवन करना प्रभावशाली माना जाता है।
3.त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है खजूर— खजूर का सेवन त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। खजूर विटामिन-सी और फ्लावोनोइड से भरे होते है, जो त्वचा के लोच में सुधार करता है। और त्वचा के नीचे के ऊतकों को समृद्ध बनाता है. जिससे आपकी त्वचा चिकनी और नर्म हो जाती है। खजूर में पाए जाने वाला विटामिन बी6 त्वचा की समस्या जैसे त्वचा में खिंचाव आदि को रोकने में मदद करता है।
4.पेट की चर्बी को कम करने के लिए खजूर का सेवन करे— खजूर का सेवन आप के पेट की चर्बी से राहत दिला सकता है। अगर आप मोटापे से परेशान हैं तो खजूर को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। डेट्स फाइबर से भरपूर होता है। और फाइबर को आहार में शामिल करने से भूख कम लगती है। व बार-बार कुछ खाने की इच्छा कम होती है खजूर स्वाद मं मीठा होता है और आप इसका सेवन आसानी से कर सकते है
5.पेट की समस्या को दूर करता है खजूर— जिन लोगों को कब्ज से जुड़ी परेशानी होती है तो आप खजूर का उपयोग कर सकते हैं। खजूर के गुण कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। कई अध्ययनों में कहा गया है कि कब्ज की समस्या शरीर में फाइबर की कमी के कारण होतीहै। शरीर में सही मात्रा में फाइबर होने से पाचन शक्ति अच्छे से काम करती है। जिससे पेट से जुड़ी परेशानी कम होने में मदद मिलती है।
6.हड्डियों के लिए भी फायदेमंद होता है खजूर— खजूर में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम पाया जाता है। जो हड्डियों की कमजोरी को दूर कर मजबूती प्रदान करता है। अगर आप एक गिलास दूध के साथ 2-3 खजूर खाते है, तो आपकी हड्डियों को मजबूती मिलती है। हड्डियां मजबूत होने से गठिया, ऑस्टियोपोर्सेस आदि का जोखिम नहीं रहता है।
7.बालों के लिए खजूर होता हैं फायदेमंद— बालों के लिए भी खजूर काफी फायदेमंद है। आयरन से भरपूर होने के कारण खजूर स्कैल्प में रक्त संचालन को बढ़ावा दे सकता है।जिससे बालों के विकास में मदद मिलती है। साथ ही इसमें मौजूद विटामिन-ई भी आपके बालों की ग्रोथ के लिए काफी सहायक हो सकता है। लेकिन इस पर वैज्ञानिक अध्ययन होना बाकी है। वहीं माना जाता है कि खजूर के नियमित सेवन से बालों को सफेद होने से भी रोका जा सकता है.
8. यौन दुर्लभता के लिए भी फायदेमंद होता है खजूर— यौन दुर्लभता के लिए खजूर फायदेमंद होता है। बकरी के ताजा दूथ के साथ खजूर को रात भर भिगोकर रख दें, फिर इसी दूध में इलायची पाउडर और शहद के मिश्रण को मिलांए और एक साथ पीस लें। यह मिश्रण यौन दुर्लभता और यौन विकारों को दूर करने में मदद करता सकता है। यदि आपको किसी तरह का यौन विकार है तो खजूर का सेवन करना आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।
9.एनीमिया को दूर करता है खजूर— जब हमारे खून में आर.बी.सी की मात्रा कम हो जाती है। तब एनीमिया की बीमारी हो जाती है। खजूर में आयरन आधिक होता है जिससे खुन की मात्रा आधिक करता है। खजूर शरीर मं हिमोग्लोबिन की भी मात्रा को सही करता है। एनीमिया के मरीज को खजूर रोजाना लेना चाहिए इससे बहुत फायदा मिलेगा।
#खजूर खाने का सही तरीका
1. आप खजूर को नाश्ता के रूप में ले सकते हैं।
2. नाश्ते में रोज ले सकते है।
3. आप खजूर का सिरप को थोड़ी देर पानी में भिगो कर रख लें और फिर उन्हें खाएं।
4. चिकन सलाद में खजूर का उपयोग हो सकता है।
#खजूर खाने के नुकसान
1.अत्यधिक मात्रा में खजूर का सेवन करने से मोटापा बढ़ सकता है। क्योंकि इसमें कैलोरी अधिक होती है।
2. छोटे शिशुओं को खजूर का सेवन नहीं करवाना चाहिए उनके आंत के लिए नुकसान दायक हो सकते है। छोटे बच्चों की आंत पूरी तरह विकसित नहीं होती है।
3. गर्भवती महिलाओं को कितनी मात्रा में खजूर का सेवन करना चाहिए अपने चिकित्सक से सलाह ले।
4. अत्यधिक मात्रा में खजूर का सेवन ना करें। क्योंकि खजूर में पोटैशियम, मैग्नीशियम उच्च मात्रा में होता है जो मांसपेशियों में कमजोरी की समस्या उत्पन्न कर सकता है।
English translate👇
# What is Date?
Who does not know dates? Almost everyone will know the date. The date palm tree is very long. Leaves are very small on this. But its fruit is very sweet and beneficial. Many diseases are prevented by eating dates. Nutrients and minerals are found in abundance in date fruit. Dietary fiber, carbohydrates in it. Dates rich in protein, vitamin B6 and iron are considered to be good for health. If dates or dates are mixed with milk and eaten, it makes digestion stronger. It is also considered good for brain health. But everything has a limit of eating and drinking. If you eat more dates it can be harmful.
On hearing the name of date, water comes to the mouth. You know which country it is a traditional crop. Dates are an important traditional crop in Iraq, Arabia, North Africa, Morocco. Egypt is considered to be the largest producer of dates globally and is followed by Iran and Saudi Arabia. Rajasthan is grown in India, Gujarat in the west and Tamil Nadu and Kerala in the south. India is the largest importer of dates in the world.
# Benefits of eating dates
1. Dates are very beneficial for the heart - Dates are very beneficial in keeping the heart healthy. A good amount of iron, vitamin-A and cholesterol are low in dates. Which keeps the arteries of the heart healthy. There is no risk of heart related problems by consuming dates daily. And heart related diseases are also removed.
2. Date palm is beneficial for pregnancy - pregnant women need more calories than normal women. But most pregnant women choose foods with high calories that are low in nutrients, which is not a healthy diet for them. Therefore pregnant women are asked to consume dates. Dates contain all kinds of essential nutrients. While the amount of calories in it is less. In the last months of pregnancy, it is considered effective to strengthen the muscles of the uterus.
3. It is also beneficial for the skin, the use of date-palm is very beneficial for the skin. Dates are full of vitamin C and flavonoids, which improves the elasticity of the skin. And enriches the tissues under the skin. Which makes your skin smooth and soft. Vitamin B6 found in dates helps to prevent skin problems such as skin strain etc.
4. Eat dates to reduce belly fat - Consumption of dates can give relief from your abdominal fat. If you are troubled by obesity, you can include dates in your routine. Dates are rich in fiber. And the inclusion of fiber in the diet reduces appetite. And there is less desire to eat something again and again, dates are sweet in taste and you can consume it easily
5. Dates off the problem of stomach - People who have problems related to constipation, you can use dates. Date properties can help relieve constipation. Many studies have stated that constipation problem is due to lack of fiber in the body. Digestive power works well by having the right amount of fiber in the body. Which helps in reducing stomach related discomfort.
6. It is also beneficial for bones. Date- There is abundant calcium, potassium, magnesium in the dates. Which removes bone weakness and provides strength. If you eat 2-3 dates with a glass of milk, then your bones get stronger. Due to strong bones, there is no risk of arthritis, osteoporosis etc.
7. Dates are beneficial for hair- Dates are also very beneficial for hair. Being rich in iron, dates can promote blood circulation in the scalp, which helps in hair growth. Also, Vitamin-E in it can also be very helpful for the growth of your hair. But it remains to be studied scientifically. At the same time, it is believed that regular use of dates can prevent hair from becoming white.
8. Dates are also beneficial for sexual rarity - Dates are beneficial for sexual rarity. Soak the dates overnight with fresh goat milk, then mix the cardamom powder and honey mixture in this milk and grind it together. This mixture may help to overcome sexual rarity and sexual disorders. If you have any type of sexual disorder, then eating dates can be very beneficial for you.
9. Removes anemia dates - when the amount of RBC in our blood decreases. Anemia then becomes a disease. There is a lot of iron in the dates, which increases the amount of blood. Date palm also corrects the amount of hemoglobin in the body. Date of anemia should be taken daily by the patient.
# Right way to eat dates
1. You can take dates as breakfast.
2. Can be taken daily for breakfast.
3. Soak dates syrup in water for a while and then eat them.
4. Dates can be used in chicken salad.
# Disadvantages of eating dates
1. Consuming excessive amount of dates can increase obesity. Because it is high in calories.
2. Young children should not take dates, it can be harmful to their bowels. The intestines of young children are not fully developed.
3. How much date should be consumed by pregnant women, consult your doctor.
4. Do not consume excessive amounts of dates. Because dates contain high amounts of potassium, magnesium which can cause muscle weakness.
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